नयन पुतली में बसें ,तुम नयनों के नूर हो
नयनों के अभिलाषी ,इन नयनों से दूर हो ।।
तू तो हैं बेशक बादल आवारा
हां! दिल मेरा तुझ पर हैं हारा
कैसे रोकूं मैं अब रस्ता तुम्हारा
तुझ पर कुर्बान यह जीवन सारा,
जिया तड़पता मेरा , आवारा मशहूर हो
नयनों के अभिलाषी ,इन नयनों से दूर हो ।।
बादल ज्यों बादल से टकराया
बिजली चमकी, दिल घबराया
हृदय आघात अन्तर्मन गहराया
ज़ुल्म जब ज़ालिम नें बरपाया,
तड़पा न दिल तेरा , तुम मेलें में चूर हो
नयनों के अभिलाषी ,इन नयनों से दूर हो ।।
याद नहीं रहा क्या प्यार हमारा
मेरा रूठना और मनाना तुम्हारा
इठलाना, शर्माना, मुस्कान सारा
करतें थे पल गिन इंतजार हमारा,
इस दिल के तुम मूरत, बेशक मुझसे दूर हो
नयनों के अभिलाषी ,इन नयनों से दूर हो ।।
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