Sunita Jauhari : Welcome to my blog !! सुनीता जौहरी : सब पढ़े और पढ़ाएं सबका मनोबल बढ़ाएं

काशी साहित्यिक समूह द्वारा संचालित ब्लॉग आधारित प्रतियोगिता

विषय-"हिन्दी" या २६ जनवरी
ध्यान दें:  
१-आप लोग अपनी रचना इस पोस्ट के कमेंट बॉक्स में ही दें।
२-रचना के नीचे अपना नाम और पता अवश्य लिखें ।
३-रचना स्वरचित व मौलिक होनी चाहिए।
४- रचना को अन्य पत्रिका में प्रकाशित करवानें हेतु आपकी स्वीकृति होनी चाहिए ।
५- केवल पंजीकृत प्रतिभागियों को ही पुरस्कार स्वरूप सम्मान-पत्र प्रदान किया जाएगा।

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13 Comments

Unknown said…
ब्लॉग आधारित प्रतियोगिता हेतु
**हिंदी में जब बोलते है हम**

लगता है मधु घोलते है हम
हिंदी में जब बोलते है हम।
वृहद अतुलनीय शब्द भंडार
अन्यय भाषा तौलते है हम।

हिंदी भारती संस्कृति जोड़े
न कोई हिंदी से मुँह मोड़े।
राज भाषा बनकर भी हिंदी
राजकाज लेख में दम तोड़े।

हिंदी प्रेमियों आगे आओ
विकल्प न ढूंढ और अपनाये।
दिवस मना कर बांधो ना दिन
हिंदीका हर दिन दिवस मनाये।

अपनी बोलिया अपनी भाषा
कितनी मधुर है शहद बताशा।
अंग्रेजी लिपि में हिंदी लेखन
हिंदी लिपि अस्तित्व तमाशा।

ममता✍️
डॉ .लक्ष्मीकान्त शर्मा said…
विश्व हिंदी दिवस
जनवरी 10, 2022

माँ शारदे एवं आदरणीय मंच को नमन सहित 🙏🏻

विषय :- हिंदी
शीर्षक : -
भाषाओं के तुमुल नाद में

---------------------------------

(डॉ.लक्ष्मीकांत शर्मा)

भाषाओँ के तुमुल नाद में

तुलसी की चौपाई हिंदी !

अक्खड़ कबीरा की वाणी में

साखी सबद सुनाई हिंदी !!



वेद ऋचाओं से जन्मी

गाँव दुआर में छाई हिंदी !

मंत्रो तंत्रों से छन छन

जन जनमानस आई हिंदी !!



सूरदास के नटनागर चंचल

कुंजगलिन बौराई हिंदी !

भारतेंदु के ध्येय वाक्य से

अमर तत्व पाई हिंदी !!



मीरा के मन मोहन सी

जनम जनम दोहराई हिंदी !

कान्हा संग वृन्दावन में

रसखान जीभ समाई हिंदी !!



महादेवी प्रसाद निराला

दिनकर से प्रौढ़ाई हिंदी !

पन्त मैथिलि अज्ञेय से

पा गई तरुणाई हिंदी !!



वागेश्वरी की गोद चढ़ी

हरख उठी इठलाई हिंदी !

स्वाधीनता आन्दोलन में

खूब लड़ी लड़ाई हिंदी !!



बच्चन की मधुशाला सी

मधुरिम कोई रुबाई हिंदी !

विश्व साहित्य की नीरवता में

हरी भरी अमराई हिंदी !!



पर राष्ट्र भाषाओँ को

बहन सम अपनाई हिंदी !

भारत भू के छोर छोर में

मातृभाषा कहलाई हिंदी !!



भारत माँ के मस्तक पर

सुहाग बिंदु लगाई हिंदी !

वन्दना की भागीरथी से

अँजुरी भर ले आई हिंदी !!

© डॉ लक्ष्मीकान्त शर्मा
आचार्य, राजऋषि भृतहरि मत्स्य विश्वविद्यालय , अलवर( राज.)301001
Sunita Jauhari said…
बहुत सुंदर सृजन आदरणीय 🌹
ब्लाग आधारित प्रतियोगिता हेतु कविता रचना
विश्व हिन्दी दिवस :- 10 जनवरी 2022

शीर्षक :- "हिन्दी"

बड़ी ही उत्तम भाषा है
हिन्दी देश में हिन्दी
इसमें बहुत कीमती है
एक छोटी सी बिन्दी
संस्कृत माता है इसकी
रखती उर्दू से भी नाता
इसको पाकर धन्य हुई
मेरी भारत माता
देवनागरी लिपि है इसकी
व्याकरण भी है इसका न्यारा
बावन वर्ण बनाते हैं इसमें
शब्दों का खेल प्यारा
हर विधा की चहेती है ये
चाहे कहानी हो या उपन्यास
अपने शब्दों से श्रृंगारित करके
करती है सबकी ही पूरी आस
राष्ट्रभाषा बनाकर अब इसको
बढ़ाओ इसकी शान को
आज जरूरत है इसकी
पूरे ही हिन्दुस्तान को
सभी लोग बोलते हैं इसको
चाहे मुस्लिम हो या सिन्धी
बड़ी ही उत्तम भाषा है
हिन्द देश में हिन्दी
इसमें बहुत कीमती है
एक छोटी सी बिन्दी


अशोक कुमार यादव, अलवर, राजस्थान
फोन नं. :- 8239427547
ई-मेल :- ashokyadavnet2016@gmail.com

मेरा पता :- अशोक कुमार यादव S/O बालकिशन यादव, गांव - गादली की ढाणी, पोस्ट-मानका, तहसील-मुण्डावर, जिला - अलवर, राजस्थान 301401
Sunita Jauhari said…
बहुत सुंदर सृजन आदरणीय 🌹
परंतु आपको ज्ञात होना चाहिए कि आपकी रचना प्रतियोगिता में शामिल तभी की जाएगी जब आपने रजिस्ट्रेशन करवाया होगा 🌹🙏
Unknown said…
ब्लाग प्रतियोगिता हेतु
विषय,_२६जनवरी ।
विधा_गद्य
देश को स्वतंत्र कराने‌के लिऐ कई देश भक्तो ने अपना बलिदान किया ।उसमे नर,,नारी दोनो की भूमिका महत्वपूर्ण योगदान पूर्ण रही ।उनका सर्मपण रंग लाया । ऐसा आया की अग्रेजो को भारत छोडना पडा,,।
तब कई महत्वपूर्ण प्रश्न ‌थे जटिल उनको ळल करने मे श्री वल्लभभाई‌पटेल की भूमिका महत्वपूर्ण है ।राज्यो‌का‌ एकीकरण भौगोलिक द्दष्टि से किया गया ।देश‌को चलाने के लिऐ एक संविधान की आवश्यकता होती हैं ।
समस्त उन्नत देशो के संविधानो का‌अध्ययन कर एक समिति द्वारा एक सुदंर संविधान का गठन हुआ ।
इसमे पंचवर्षीय योजनाएं बनी ।आज जो कुछ हे देश‌के विकास ‌व प्रगतिशीलता उसकी नीव मजबूती से डाली गई की‌आज के भ्रष्टाचार रिश्वत खरीद फरोक्त की नितीयां भी उसे हिला नही सकी ।
कहते हे सत्य ‌ईमानदारी व‌बलीदान पर रखी‌ नीव‌को कोई हिला सही सकता ।
२६/१९५० को गणतंत्र की स्थापना हुई‌थी ।इसे हम हर्षोल्लास से मनाते है ।आज हर नागरिक का कर्तव्य हे की सत्य ईमानदारी से देश के प्रति सर्मपित रहे ।कोई भी क्षेत्र हो तभी उन्नत होगा जब हर नागरिक एक उच्च आदर्श ‌,मर्यादऐ को समझे ओर अपने कर्म कर्तव्य पर खरा उतरे ।यही भारतीय नागरिक‌का परम कर्म कर्तव्य है ,होना चाहिऐ ।तिजौरिया‌भरना नही ।
नाम_‌दमयंती मिश्रा
पता_ गरोठ ,जिला मंदसौर
मध्यप्रदेश
मोबाईल_9926538931
meetu sinha said…
मेरा देश भारत

जहां मन प्रफुल्लित हो,
शीश गर्व से रहे उन्नत,
वह धरती है भारत की,
वह देश है मेरा भारत।।

मेरे भारत की वंदना,
करता सागर तिहुं ओर से।
ऊपजी है सभ्यता,
सृष्टि के इसी छोर से।
जहां काम क्रोध और मोह से,
रहते लोग विरक्त।।
वह धरती है भारत की,
वह देश है मेरा भारत।।1।।

जिसका शीश हिमालय सा,
ऊँचा सब संसार से।
और चरण सागर से,
जुड़े हुए आधार से।
जिसके निवासी ज्ञानी विज्ञानी,
और हैं संगीत-विशारद।।
वह धरती है भारत की,
वह देश है मेरा भारत।।2।।

जहां के निवासी सदा,
पूजा शिव की करते हैं।
राम के आदर्शों को,
निज हृदय में धरते हैं।
यहां की शिक्षा सिखाती,
रहो सदा कर्मरत।।
वह धरती है भारत की,
वह देश है मेरा भारत।।

डाॅ मीतू सिन्हा, धनबाद
यह मेरी रचना है और सर्वथा मौलिक है। प्रतियोगिता हेतु प्रेषित 🙏🙏
Sunita Jauhari said…
बहुत सुंदर सृजन आदरणीय 🌹
Unknown said…
"कौन स्वाधीन करेगा?"(26जनवरी पर विशेष)

मेधावी जकड़े जंजीरो में, दानव ठेकेदार है।
व्यवसाय बनाकर शिक्षा को, बेच रही सरकार है।।
ज्ञान-भूमि भारत! कहलाया, सदियों से भूमंडल पर।
उसी ज्ञान के मंदिर में, आज चरम पर भ्रष्टाचार है।।
बने पुजारी शिक्षक कैसे, विद्या-मंदिर चोरों का।
फांक कर चूरन सांस ले रहा, फंसा हुआ मझधार है।
जिनका रिश्ता धन से है, वह मालिक विद्या-मंदिर का।
इन सभी दुकानों में डिग्री का, होता अब व्यापार है।।
मान्यता देते रोज हैं वे, बाँट रहे रेवड़ी जैसे।
ठेंगा मानक को दिखलाते, रिश्वत का बाजार है।
नहीं लजाते चोर-लुटेरे, महामना की तुलना में।
शोषण पढ़े-लिखों का, करता एक गंवार है।।
अरबों रुपए का प्रतिपूर्ति में ,षडयंत्र घोटाला है।
सफेद करने को काला धन, बहुत बड़ा औजार है।।
व्यय जितना शिक्षा पर तय था, आधा भी तो नहीं कियाl
लेने को 'कर' इनका फिर, कैसे बनता आधार है ।।
व्यापक स्तर पर इतने क्यों, मॉल खुल रहे डिग्री के।
जा बैठी कोठे पर शिक्षा, रोज हुआ व्यभिचार है।।
गुरु और ज्ञान दोनों को, स्वाधीन करेगा कौन यहां।
जाकर महासभा में बैठा, इन सबका सरदार है।।



आचार्य गुरुदास प्रजापति "राज़"
c/o लालता प्रसाद
27/2भुलइ का पुरा
2B-3 पोस्ट तेलियर गंज
जनपद प्रयागराज
211004
8765975059
Sunita Jauhari said…
हिंदी हमारी जान -हिंदी हमारी शान :-


विश्व हिंदी दिवस पर हमने ठाना है,
लोगों में हिंदी का स्वाभिमान जगाना है,
हम सब का अभिमान है हिंदी,
भारत देश की शान है हिंदी।


विश्व हिंदी दिवस पर्व है,
इस पर हमें गर्व है,
सम्मानित हमारी राष्ट्रभाषा,
हम सब की है यही अभिलाषा।


हर कण में हैं हिंदी बसी
मेरी मां की इसमें बोली बसी,
मेरा मान है हिंदी,
मेरी जान है हिंदी।


हिंदी विश्व की एक मात्र ऐसी भाषा है,
जो 'अ' अनपढ़ से शुरू होती है,
'ज्ञ' ज्ञानी बनकर समाप्त होती है,
आओ मिलकर हिंदी का सम्मान करें।


हिंदी हमारी शान है, हिंदी हमारा ज्ञान है,
सर्वोपरि है हमारी राष्ट्रभाषा, हिंदी हमारा समाना है,
हिंदी से ज्ञान वर्धन, राष्ट्र से जुड़े जुडाये,
पूजें अपनी मात्रभाषा को, राष्ट्र भाषा को, विश्व हिंदी दिवस मनाएं।




राजेश्वरी बसवराज मेदार
हिंदी विषय शिक्षिका
एन, सी, सी ऑफिसर
श्री सद्गुरू शिवानंद बालिका हाईस्कूल कुंदगोल
जिला- धारवाड
कर्नाटक।
Sunita Jauhari said…
सुंदर सृजन आदरणीय 🌹
Sunita Jauhari said…
हिंदी हमारी जान -हिंदी हमारी शान :-


विश्व हिंदी दिवस पर हमने ठाना है,
लोगों में हिंदी का स्वाभिमान जगाना है,
हम सब का अभिमान है हिंदी,
भारत देश की शान है हिंदी।


विश्व हिंदी दिवस पर्व है,
इस पर हमें गर्व है,
सम्मानित हमारी राष्ट्रभाषा,
हम सब की है यही अभिलाषा।


हर कण में हैं हिंदी बसी
मेरी मां की इसमें बोली बसी,
मेरा मान है हिंदी,
मेरी जान है हिंदी।


हिंदी विश्व की एक मात्र ऐसी भाषा है,
जो 'अ' अनपढ़ से शुरू होती है,
'ज्ञ' ज्ञानी बनकर समाप्त होती है,
आओ मिलकर हिंदी का सम्मान करें।


हिंदी हमारी शान है, हिंदी हमारा ज्ञान है,
सर्वोपरि है हमारी राष्ट्रभाषा, हिंदी हमारा समाना है,
हिंदी से ज्ञान वर्धन, राष्ट्र से जुड़े जुडाये,
पूजें अपनी मात्रभाषा को, राष्ट्र भाषा को, विश्व हिंदी दिवस मनाएं।




राजेश्वरी बसवराज मेदार
हिंदी विषय शिक्षिका
एन, सी, सी ऑफिसर
श्री सद्गुरू शिवानंद बालिका हाईस्कूल कुंदगोल
जिला- धारवाड
कर्नाटक।
Sunita Jauhari said…
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